धनबाद (अशोक कुमार)। मुश्किल हालात में, लेकिन लगन और मेहनत के बूते इस युवक ने उसी कार्यालय में अफसर बन दिखाया, जहां उसके पिता ने उम्र भर चपरासी की नौकरी की। धनबाद, झारखंड के रहने वाले इस युवक देव कुमार वर्मा की कहानी बस इतनी ही नहीं है। कहानी तो यहां से शुरू होती है।
पहले खुद बने काबिल : देव कुमार के पिता भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। गरीबी के कारण देव की पढ़ाई ठेठ सरकारी स्कूल में हुई। लेकिन अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने हर बाधा को पार किया। अंग्रेजी सुधारी। एमबीए किया। प्रतियोगी परीक्षा पास की। और अंतत: कोल इंडिया में नौकरी हासिल की। वह बीसीसीएल मुख्यालय में डिप्टी मैनेजर बने। इसी दफ्तर में उनके पिता कभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हुआ करते थे।